पुणे न्यूज डेस्क: पुणे महानगरपालिका (PMC) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 12,618 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसे यथार्थवादी और जनहितैषी बताया जा रहा है। मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने बजट पेश करते हुए बताया कि नागरिकों की शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए क्षेत्रीय स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, अमृत महोत्सव वर्ष के तहत शहर में एक व्यापक स्वास्थ्य अभियान भी चलाया जाएगा। हालांकि, इस बजट में नए राजस्व स्रोतों पर विचार नहीं किया गया है। बजट में नए शामिल गांवों के विकास कार्यों के लिए 624 करोड़ रुपये और सड़क भूमि अधिग्रहण के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिससे अधूरी पड़ी मिसिंग लिंक सड़कों को पूरा किया जा सकेगा।
बजट में शहर के समग्र विकास पर जोर दिया गया है, जिसमें नगर निगम कर्मचारियों की कॉलोनियों के पुनर्विकास, सफाई व्यवस्था के विस्तार, संक्रामक रोगों के लिए एक विशेष विभाग और अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना, तथा श्मशान घाटों के उन्नयन जैसी योजनाएं शामिल हैं। विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, महिलाओं के बचत समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए शहर में सुपर स्टोर्स की स्थापना की जाएगी। वित्तीय पक्ष की बात करें तो मनपा को जीएसटी, प्रॉपर्टी टैक्स, पानीपट्टी, सरकारी अनुदान, कर्ज और बांड सहित विभिन्न स्रोतों से राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है, लेकिन वास्तविक आय को देखते हुए करीब 4,000 करोड़ रुपये के घाटे की संभावना भी जताई गई है।
मनपा ने अगले वित्तीय वर्ष में कोई नया कर नहीं बढ़ाने का फैसला किया है, लेकिन नई प्रॉपर्टीज के पंजीकरण और संलग्न गांवों से कर वसूली के जरिए राजस्व वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में मंदी की संभावना है, जिससे बिल्डिंग परमिशन से होने वाली आय में गिरावट आ सकती है। शहर में 11 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 9 का काम प्रगति पर है और 5 प्लांट मार्च 2025 तक तैयार हो सकते हैं। अगले वित्तीय वर्ष में सभी 11 STP को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 53.5 किमी लंबी मुख्य सीवर लाइनों का निर्माण कार्य भी इस योजना का हिस्सा होगा, जिसके लिए 540.50 करोड़ रुपये की अनुमानित निधि प्रस्तावित की गई है।